Skip to main content

जो लोग अपनी सोच बड़ी रखते हैं, उन्हें जरूर मिलती है बड़ी कामयाबी

जीवन मंत्र डेस्क। प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए अपने राज्य में वेष बदलकर घूम रहे थे। राजा के साथ उनका मंत्री भी था। तभी कांटे वाली झाड़ियों की वजह से राजा कूर्ता फट गया। राजा ने मंत्री से कहा कि किसी दर्जी को तुरंत ढूंढो।

  • मंत्री ने जल्दी ही एक दर्जी को ढूंढ लिया और उसे बताया की राजा प्रजा का हाल जानने निकले हैं और उनका कुर्ता फट गया है। तुम्हें उसे तुरंत सही करना है, जल्दी चलो।
  • दर्जी अपने साथ सुई-धागा लेकर राजा के पास पहुंच गया। दर्जी ने बहुत ही अच्छी तरह राजा का कुर्ता सिल दिया। राजा उसके काम से बहुत खुश हुआ, क्योंकि कुर्ते में फटा हुआ हिस्सा अब दिख नहीं रहा था।
  • प्रसन्न राजा ने दर्जी से कहा कि मांग लो जो तुम्हें चाहिए। दर्जी ने सोचा कि राजा से क्या मांगू। मेरा तो थोड़ा सा ही धागा लगा है। दो स्वर्ण मुद्राएं मांग लेता हूं, इससे ज्यादा तो इस छोटे से काम का पारिश्रमिक नहीं हो सकता है।
  • दर्जी ने फिर सोचा कि कहीं राजा ये ना समझ ले कि इतने से काम की मैंने ज्यादा मुद्राएं मांग ली हैं, राजा मुझे सजा दे देगा। उसने राजा से कहा कि महाराज छोटा सा काम था, इसका दाम कैसे ले सकता हूं। आप रहने दीजिए।
  • राजा ने फिर कहा कि नहीं, तुमने काम किया है तो तुम्हें तुम्हारी मेहनत का पारिश्रमिक तो मिलना ही चाहिए। तुम बिना डरे मांगो।
  • दर्जी ने कहा कि महाराज छोटा सा काम था, आप जो उचित समझे वह मुझे दे दीजिए। राजा ने सोचा कि इस दर्जी ने तो मुझे ही परेशानी में डाल दिया। अब मुझे मेरे स्तर के हिसाब से इसे कुछ देना पड़ेगा।
  • राजा ने मंत्री से कहा कि इस दर्जी को 2 गांव दे दो। दर्जी ये सुनकर हैरान था। उसने सोचा मैं तो 2 मुद्राएं मांगने की सोच रहा था, लेकिन राजा ने 2 गांव दे दिए।

कथा की सीख
इस छोटी सी कथा की सीख यह है कि हमें अपनी सोच बड़ी रखनी चाहिए। हम कभी-कभी अनजाने में सोच छोटी कर लेते हैं, इस कारण हमें पूरा फल नहीं मिलता है। अगर दर्जी सिर्फ 2 मुद्राएं मांग लेता तो उसे राजा 2 गांव नहीं देता।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
motivational story, inspirational story, story about success and happiness, prerak prasang


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36gNfZb

Comments

Trending

Health

Popular posts from this blog

विसर्जन के बाद मिट्टी और पानी को गमले या पेड़-पौधों में डालें, ताकि पैर न लगे

1 सितंबर यानी आज अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। 10 दिन तक गणेशजी की पूजा-अर्चना के बाद आज मूर्तियों को विसर्जित किया जाएगा। वैसे तो धार्मिक ग्रंथों में गणेशजी को विसर्जित करने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास जब महाभारत लिखने के लिए एक गुणी लेखक को ढूंढ रहे थे तो इस काम के लिए गणेशजी राजी हुए थे लेकिन उन्होंने शर्त भी रखी कि जब तक महर्षि बिना रुके बोलेंगे वे भी लगातार लिखते रहेंगे। वेदव्यास ने गणेश चतुर्थी के दिन से महाभारत की कथा सुनानी प्रारंभ की थी। गणेशजी लगातार 10 दिन तक कथा लिखते रहे। अत्यधिक मेहनत से बढ़ा तापमान और स्नान के बाद मिली थी राहत महर्षि वेदव्यास महाभारत की कथा सुनाते रहे और गणेश जी लिखते रहे। कथा पूरी होने पर महर्षि वेदव्यास ने आंखें खोली। उन्होंने देखा कि अत्यधिक मेहनत के कारण गणेशजी के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ है। लगातार रात-दिन लेखन की वजह से गणेश जी के शरीर का तापमान बढ़ने लगा, तो वेद व्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगाकर भाद्र शुक्ल चतुर्थी को उनकी पूजा की। मिट्टी का लेप सूखने पर गणेशजी का शरीर अकड़ गया। उनके शरीर ...

दोस्त की मदद करने में कभी पीछे न हटें:रामायण में श्रीराम के मित्र थे सुग्रीव और निषादराज, महाभारत में श्रीकृष्ण के मित्र थे अर्जुन, द्रौपदी और सुदामा

from जीवन मंत्र | दैनिक भास्कर https://ift.tt/mPIr0Nl