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गाय की यूरिन से बने कैप्सूल-टेबलेट से कैंसर का इलाज होगा, वैज्ञानिकों ने फ्रिज ड्राइंग टेक्नोलॉजी से दवा बनाई

हिसार (महबूब अली). गाय की यूरिन से तैयार किए गए कैप्सूल और टेबलेट से कैंसर की दूसरी स्टेज और किडनी की समस्या का इलाज होगा। हृदय रोग में भी यह दवा कारगर है। फ्रिज फ्लाइंग टेक्नोलॉजी से तैयार यह दवा खून भी साफ करती है।

गुजरात के सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसवीएनआईटी ) के प्रोफेसर डॉ. भारत धोलकिया ने अपने सहयोगियों के साथ कई साल की कड़ी मेहनत के बाद यह दवा तैयार की है। उन्होंने सोमवार को गुरु जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू) के तीन दिन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन शोध प्रस्तुत किया।

6 महीने पहले ही कामयाबी मिली

डॉ. भारत ने बताया कि उन्हें गाय की यूरिन के विशेष गुणों की वजह से इससे दवा बनाने का विचार आया। कई साल रिसर्च की। फ्रिज ड्राइंग टेक्नोलॉजी से तकनीक से -20 से -30 डिग्री टेम्प्रेचर पर गाय के यूरिन पाउडर बनाया, फिर इससे टेबलेट और कैप्सूल बनाए। करीब छह महीने पहले उन्हें कामयाबी ऐसा कर पाने में कामयाबी मिली।

फ्रिज ड्राइंग तकनीक क्या है?

यह किसी पदार्थ से पानी को अलग करने की प्रक्रिया है। इसमेंमें तरल पदार्थ को बेहद कम दाब पर शून्य से नीचे के तापमान पर जमाया जाता है। फिर कम दाब पर ही इसे गर्म किया जाता है। इससे पानी अलग हो जाता है।

सुबह-शाम एक-एक टेबलेट लेनी होगी

प्रयोग में पाया गया कि यह दवा हर तरह के कैंसर की दूसरी स्टेज के इलाज में कारगर है। मरीज को यह टेबलेट सुबह और शाम को लेनी होती है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, ओमेगा 6 और ओमेगा 9 फैटी एसिड भी होता है। गुजरात में इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है।

प्रो. भारत रिएक्टर से बयो डीजल भी बना चुके
प्रो. भारत ने वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए रिएक्टर से बायो डीजल भी तैयार किया है। यह वनस्पति तेलों से बने बायो डीजल से अलग है। इसे बिना किसी परिवर्तन के डीजल इंजनों में प्रयोग कर सकते हैं। वनस्पति तेलों से बने ईंधनों को कुछ बदलावों के साथ ही ‘इग्निशन कम्बस्शन’ इंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।



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गाय के यूरिन से तैयार टेबलेट का सुबह-शाम सेवन करने से शरीर चुस्त रहता है।


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