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प्रदेश में 9 माह में 10 लाख लोग हाइपरटेंशन-डायबिटीज के शिकार, 80 हजार लोगों को दोनों बीमारी; डायबिटीज में जयपुर टॉप-10 में

जयपुर (सुरेन्द्र स्वामी).घबराहट, बैचेनी, जंक फूड का सेवन, बदलती जीवन शैली, मानसिक तनाव, तंबाकू का सेवन और खानपान के चलते हाइपरटेंशन और डायबिटीज के शिकार लोगों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में पिछले 9 माह में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के 10 लाख मरीज सामने आए हैं। इनमें साढ़े 5 लाख तो अकेले हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के हैं। डायबिटीज में टॉप-10 जिले देखें तो अजमेर पहले नंबर पर है। सिरोही दूसरे व सीकर तीसरे नंबर पर है। इसी तरह से हाइपरटेंशन में राजसमंद पहले, बीकानेर दूसरे व डूंगरपुर तीसरे नंबर पर है।

सबसे चौंकाने वाली जानकारी ये है कि दोनों में ही पढ़ाई का दवाब और डिप्रेशन के चलते युवा सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। प्रदेश में 80 हजार एेसे मरीज भी मिले, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज दोनों बीमारी थी। यह खुलासा भास्कर की ओर जयपुर समेत प्रदेश के 33 जिलों में सीएचसी से लेकर जिला अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या के आधार पर हुआ है।

यह खतरे की घंटी इसलिए

हाइपरटेंशन से रक्त वाहिकाएं सख्त, मोटी और संकरी होने से हृदय में खून का संचार नहीं होता। एंजाइना (छाती में दर्द) व गंभीर बीमारी के साथ हार्ट अटैक की आशंका रहती है। गुर्दों की रक्त कोशिकाएं कमजोर व संकुचित होने से कार्यक्षमता घट जाती है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ता है। डायबिटीज अौर दिल से जुड़ी बीमारी हो सकती है।

15-20 फीसदी लोगों को नहीं पता होता उनका बीपी असामान्य है
डॉक्टरों के अनुसार एंजाइटी व अन्य कारणों से हाइपरटेंशन से युवाओं के ज्यादा शिकार के मामले आ रहे हैं। आजकल 20 से 25 साल तक की उम्र वाले भी ब्लड प्रेशर की गिरफ्त में आ रहे हैं। 60 साल की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा ज्यादा रहता है, लेकिन बाद में महिला-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर होती है। लंबे समय तक रक्तचाप का स्तर ज्यादा रहना हाइपरटेंशन या हाई बीपी कहलाता है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि 15-20% लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि उन्हें यह समस्या है। कुछ में लक्षण नहीं दिखाई देते। सिर-दर्द, बैचेनी और सीने में दर्द जैसे लक्षणों में अनदेखी होती है। इससे शरीर के अन्य अंगों का भी खतरा बना रहता है। हालांकि अभी सरकार निरोगी राजस्थान अभियान के तहत जयपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में स्क्रीनिंग प्रारंभ करने जा रही है।



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