Skip to main content

गंगा दशहरा के साथ शुरू होगा जून, इस महीने में आएगी निर्जला एकादशी और होगा सूर्य ग्रहण

नए माह जून में कई खास पर्व आएंगे। इस माह में 5 जून तक ज्येष्ठ मास खत्म होगा और 6 जून से आषाढ़ माह शुरू हो जाएगा। हिन्दी पंचांग के अनुसार जानिए जून की विशेष तिथियां और उन तिथियों पर कौन-कौन शुभ कर्म किए जा सकते हैं।

सोमवार, 1 जून ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी है। इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इसी तिथि पर गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आई थी। इस दिन गंगादेवी की पूजा करनी चाहिए। अभी नेशनल लॉकडाउन है,

स वजह से घर पर ही गंगा नदी का ध्यान करते हुए स्नान करें।

मंगलवार, 2 जून के निर्जला एकादशी है। इस तिथि पर किए गए व्रत से वर्षभर की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए निर्जल रहकर व्रत करना चाहिए।

शुक्रवार, 5 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा है। इसी दिन मांद्य चंद्र ग्रहण भी रहेगा। इसका धार्मिक महत्व नहीं है। इस कारण ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। पूर्णिमा पर सत्यनारायण कथा का पाठ करें।

शनिवार, 6 जून से आषाढ़ मास शुरू हो जाएगा। सोमवार, 8 जून को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। गणेशजी के लिए व्रत रखें।

सोमवार, 15 जून को मिथुन संक्रांति है। इस दिन सूर्य पूजा करें और दान करें।

बुधवार, 17 जून को योगिनी एकादशी है। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत करें और पूजा-पाठ करें।

शनिवार, 20 जून को श्राद्ध की अमावस्या है। इस दिन पितरों के लिए धूप-ध्यान करें।

रविवार, 21 जून को हलहरिणी अमावस्या है। रविवार को सूर्य ग्रहण भी रहेगा। ये ग्रहण भारत में दिखेगा। इसका सूतक 20 जून की रात 10.14 बजे से शुरू होगा। ग्रहण के बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।

सोमवार, 22 जून से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू होगी।

बुधवार, 24 जून को विनायकी चतुर्थी रहेगी। 24 को गणेशजी के मंत्रों का जाप करें और व्रत रखें।

सोमवार, 29 भड़ली नवमी है। इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इसके दो दिन बाद देवशयनी एकादशी से सभी तरह के मांगलिक कर्म बंद हो जाएंगे। भड़ली नवमी पर बिना मुहूर्त देखे शुभ काम किए जा सकते हैं। इसी दिन गुप्त नवरात्रि खत्म होगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Nirjala Ekadashi 2020, solar eclipse 2020, surya grahan on 21 june, june festivals


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36K9WWt

Comments

Trending

Health

Popular posts from this blog

विसर्जन के बाद मिट्टी और पानी को गमले या पेड़-पौधों में डालें, ताकि पैर न लगे

1 सितंबर यानी आज अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। 10 दिन तक गणेशजी की पूजा-अर्चना के बाद आज मूर्तियों को विसर्जित किया जाएगा। वैसे तो धार्मिक ग्रंथों में गणेशजी को विसर्जित करने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास जब महाभारत लिखने के लिए एक गुणी लेखक को ढूंढ रहे थे तो इस काम के लिए गणेशजी राजी हुए थे लेकिन उन्होंने शर्त भी रखी कि जब तक महर्षि बिना रुके बोलेंगे वे भी लगातार लिखते रहेंगे। वेदव्यास ने गणेश चतुर्थी के दिन से महाभारत की कथा सुनानी प्रारंभ की थी। गणेशजी लगातार 10 दिन तक कथा लिखते रहे। अत्यधिक मेहनत से बढ़ा तापमान और स्नान के बाद मिली थी राहत महर्षि वेदव्यास महाभारत की कथा सुनाते रहे और गणेश जी लिखते रहे। कथा पूरी होने पर महर्षि वेदव्यास ने आंखें खोली। उन्होंने देखा कि अत्यधिक मेहनत के कारण गणेशजी के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ है। लगातार रात-दिन लेखन की वजह से गणेश जी के शरीर का तापमान बढ़ने लगा, तो वेद व्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगाकर भाद्र शुक्ल चतुर्थी को उनकी पूजा की। मिट्टी का लेप सूखने पर गणेशजी का शरीर अकड़ गया। उनके शरीर ...

दोस्त की मदद करने में कभी पीछे न हटें:रामायण में श्रीराम के मित्र थे सुग्रीव और निषादराज, महाभारत में श्रीकृष्ण के मित्र थे अर्जुन, द्रौपदी और सुदामा

from जीवन मंत्र | दैनिक भास्कर https://ift.tt/mPIr0Nl