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Showing posts from July, 2020

4 महीने बाद मिथुन राशि में शुक्र का आना देश के लिए अच्छा संकेत; लेकिन मकर और धनु राशि वालों को रहना होगा संभलकर

1 अगस्त को शुक्र मिथुन राशि में आ जाएगा। इससे पहले ये ग्रह 30 मार्च से वृष राशि में था। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि शुक्र ग्रह आमतौर पर एक राशि में 23 दिन तक रहता है। लेकिन इस बार 4 महीने बाद ये ग्रह राशि बदल रहा है और 31 अगस्त तक मिथुन राशि में ही रहेगा। फिर कर्क में चला जायेगा | शुक्र के अपने मित्र बुध की राशि मिथुन में आने से मौसमी बदलाव होंगे। शुक्र का राशि बदलना देश के लिए कई तरह से शुभ रहेगा। जिसका असर मौसम, देश-दुनिया और सभी राशियों पर पड़ेगा। शुक्र के राशि बदलने से मिथुन, वृष, मेष, मीन, कुम्भ, वृश्चिक, तुला और सिंह राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। इनके अलावा मकर और धनु राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं कन्या और कर्क राशि वाले लोगों के लिए मिला-जुला समय रहेगा। शुक्र के राशि बदलने से देश-दुनिया पर प्रभाव देश में शैक्षणिक और धार्मिक गतिविधियां बढ़ेंगी। पूर्वी देशों और पूर्वी राज्यों में बारिश ज्यादा हो सकती है। बाढ़ की संभावना भी बन रही है। देश के अन्य हिस्सों में मौसम और वातावरण अनुकूल होगा। देश के दक्षिणी राज्यों के लिए समय अच्छा रहे...

अगस्त में 4 ग्रह बदलेंगे राशि, इस कारण 6 राशि वालों के लिए अनचाहे बदलाव वाला हो सकता है ये महीना

अगस्त में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र ग्रह राशि बदलेंगे। इन ग्रहों का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार अगस्त के पहले ही दिन बुध राशि बदलकर कर्क में और शुक्र मिथुन राशि आ जाएगा। ये ग्रह कुछ लोगों की इनकम, लेन-देन और निवेश को प्रभावित करेंगे। इसके बाद 16 अगस्त को मंगल और 17 को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। इन ग्रहों के कारण कुछ लोगों का तनाव बढ़ सकता है और विवाद की स्थितियां भी बन सकती हैं। सूर्य और मंगल के कारण कन्या, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों के कामकाज में अनचाहे बदलाव हो सकते हैं। मिथुन, कर्क और सिंह राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। वहीं अन्य 6 राशि वाले लोग सितारों के अशुभ प्रभाव से बच जाएंगे। पं. मिश्र के अनुसार 12 राशियों का फल मेष - सरकारी कामों में सफलता मिल सकती है। कोर्ट केस संबंधी मामले भी सुलझ जाएंगे। महीने के बीच का समय नकारात्मक हो सकता है। इस महीने आपके काम में बदलाव होने के योग बन रहे हैं। सोचे हुए काम पूरे हो सकते हैं। जॉब और बिजनेस में भी कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं। महीने के आखिरी दिनों में रुका हुआ पैसा मिल सकता है। लेन-द...

3 अगस्त को रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद जन्माष्टमी मनाई जाएगी, इस माह में हरितालिका तीज के बाद शुरू होगा गणेश उत्सव

2020 के आठवें माह अगस्त में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और हरितालिका तीज जैसे बड़े तीज-त्योहार मनाए जाएंगे। 3 अगस्त को सावन माह की पूर्णिमा है। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी, इसके बाद पूरे दिन रक्षासूत्र बांध सकते हैं। 4 अगस्त से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा। ये हिन्दी पंचांग के छठा माह है। जानिए हिन्दी पंचांग के अनुसार इस माह में कब कौन सा पर्व आएगा और उस दिन कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं... सोमवार, 3 अगस्त को रक्षाबंधन और सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। इसके बाद पूरे दिन रक्षासूत्र बांधा जा सकता है। पूर्णिमा तिथि पर स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें। शुक्रवार, 7 अगस्त को गणेश चतुर्थी व्रत पर गणेशजी के लिए व्रत रखने की परंपरा है। भगवान गणपति को दूर्वा अर्पित करें। रविवार, 9 अगस्त को श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ की जयंती है। इसदिन बलरामजी की पूजा करनी चाहिए। मंगलवार, 11 अगस्त और बुधवार, 12 अगस्त को पंचांग भेद की वजह से जन्माष्टमी रहेगी। कुछ क्षेत्रों में 11 को और कुछ क्षेत्रों में 12 अगस्त को ये पर्व मनाया जाएगा। बाल गोपाल को माखन-मिश्री क...

अंक 1 वाले लोगों को अगस्त में अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी, नुकसान होने के योग हैं, अंक 2 वाले लोग क्रोध न करें, अंक 3 वालों के मिल सकता है लाभ

अगस्त माह शुरू हो गया है। माह में बारिश की वजह से मौसमी बीमारियों का प्रभाव रहेगा। खान-पान में लापरवाही न करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस माह में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। असावधानी नुकसानदायक हो सकती है। जन्म तारीख के आधार पर जानें आपके लिए ये माह यानी 31 अगस्त तक का समय कैसा रह सकता है... अंक 1- जिन लोगों की जन्म तारीख 1, 10,19 या 28 है इस माह में इन लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी रखनी होगी। छोटी सी गलती भी नुकसानदायक हो सकती है। कोई पुरानी बीमारी फिर से उभर सकती है। क्रोध पर काबू रखना होगा। निवेश से भी बचें। अंक 2- जिन लोगों की जन्म तारीख 2, 11, 20 या 29 है अगर आप विवाहित हैं तो लाइफ पार्टनर के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। वाद-विवाद को बढ़ावा न दें। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध न करें। शत्रुओं की वजह से परेशानी हो सकती है। कुछ दिनों के समय ठीक हो जाएगा। अंक 3- जिन लोगों की जन्म तारीख 3, 12, 21 या 30 है पुराने समय में किए गए काम इस माह में फल दे सकते हैं। घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिल सकता है। आय में बढ़ोतरी होने के योग बन रहे हैं। कार्य की ...

कोरोना को हराने वाली 105 साल की असमा बीवी की कहानी, बेटी से संक्रमण फैला और तीन महीने तक इलाज के बाद अब घर लौटीं

केरल के कोल्लम में रहने वाली 105 साल की असमा बीवी 3 माह तक कोरोना से लड़ने के बाद घर लौटी हैं। असमा केरल की सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर हैं। उन्हें 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। असमा बीवी को कोरोना का संक्रमण उनकी बेटी से हुआ था। बेटी का कहना है कि पूरे इलाज के दौरान मां ने कोरोना का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उम्र अधिक होने के कारण वह पहले ही कई तरह की दिक्कतों से जूझ रही थीं, इस दौरान डॉक्टर्स में लगातार नजर बनाए रखी। स्वास्थ्य मंत्री ने उनके जज्बे की तारीफ की असमा बीवी ने जिस तरह कोरोना का डटकर मुकाबला किया है, उसके लिए केरल की स्वास्थ्यमंत्री केके शैलजा ने उनकी तारीफ की है। स्वास्थ्यमंत्री ने कहा, उन्होंने इस उम्र में जो जज्बा दिखाया वह काबिलेतारीफ है। स्वास्थ्यमंत्री ने डॉक्टर्स, नर्स और हेल्थ वर्कर्स का भी शुक्रिया अदा किया। केरल में बुधवार को कोरोना के 903 मामले सामने आए। इसमें हेल्थ वर्कर भी शामिल हैं। संक्रमितों का आंकड़ा 21,797 तक पहुंच गया है। अप्रैल में केरल के थॉमस बने थे देश के सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर असमा बीवी से पहले सबसे उ...

कोरोना को हराने वाली 105 साल की असमा बीवी की कहानी, बेटी से संक्रमण फैला और तीन महीने तक इलाज के बाद अब घर लौटीं

केरल के कोल्लम में रहने वाली 105 साल की असमा बीवी 3 माह तक कोरोना से लड़ने के बाद घर लौटी हैं। असमा केरल की सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर हैं। उन्हें 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। असमा बीवी को कोरोना का संक्रमण उनकी बेटी से हुआ था। बेटी का कहना है कि पूरे इलाज के दौरान मां ने कोरोना का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उम्र अधिक होने के कारण वह पहले ही कई तरह की दिक्कतों से जूझ रही थीं, इस दौरान डॉक्टर्स में लगातार नजर बनाए रखी। स्वास्थ्य मंत्री ने उनके जज्बे की तारीफ की असमा बीवी ने जिस तरह कोरोना का डटकर मुकाबला किया है, उसके लिए केरल की स्वास्थ्यमंत्री केके शैलजा ने उनकी तारीफ की है। स्वास्थ्यमंत्री ने कहा, उन्होंने इस उम्र में जो जज्बा दिखाया वह काबिलेतारीफ है। स्वास्थ्यमंत्री ने डॉक्टर्स, नर्स और हेल्थ वर्कर्स का भी शुक्रिया अदा किया। केरल में बुधवार को कोरोना के 903 मामले सामने आए। इसमें हेल्थ वर्कर भी शामिल हैं। संक्रमितों का आंकड़ा 21,797 तक पहुंच गया है। अप्रैल में केरल के थॉमस बने थे देश के सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर असमा बीवी से पहले सबसे उ...

घर के काम में व्यस्तता के बीच ना करें हाथ और पैरों की अनदेखी, इन आसान नुस्खों से करें हाथ-पैरों की देखभाल

कोरोना के कारण बार-बार हाथ धोना मजबूरी बन गई है। वहीं महिलाओं को घर के कार्यों के चलते खुद की देखभाल का वक़्त नहीं मिल पा रहा है। इसलिए समय निकालिए और हाथ-पैरों की देखभाल पर ध्यान दीजिए। रूखापन दूर करें एक चम्मच ग्लिसरीन को गुलाब जल में मिलाकर रख लें। इस मिश्रण को सोते समय हाथ-पैरों पर लगा लें। इससे हाथ-पैरों में नमी बनी रहेगी और वे कोमल बनेंगे। इसके साथ ही एक चम्मच शक्कर में नींबू का रस मिलाकर हाथ-पैरों की मालिश करें और कुछ देर बाद गुनगुने पानी से धो लें। ग्लिसरीन, गुलाब जल और नींबू के रस के मिश्रण से नियमित मालिश करने से पैर मुलायम रहते हैं। कच्चे दूध की मालिश दूध उबालने से पहले उसे थोड़ा-सा निकालकर फ्रिज में रख लें। जब भी समय मिले इस दूध को हाथ-पैरों पर मल लें और धीरे-धीरे मालिश करें। इससे हाथ-पैरों पर जमी गंदगी दूर होती है, साथ ही त्वचा मुलायम बनती है। अगर तैलीय त्वचा की समस्या नहीं है तो चेहरे पर भी कच्चे दूध की मालिश कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को रोज़ दुहरा सकते हैं या फिर 1-2 दिन के अंतराल में भी कर सकते हैं। कपड़े धोने के बाद यदि डिटर्जेंट/साबुन युक्त पानी में हाथ-पैर अधिक सम...

18 फीट 8 इंच ऊंचाई के साथ 12 वर्षीय जिराफ सबसे ऊंचा, गिनीज ने कहा, इसकी लम्बाई को मापने के लिए विशेष खंभा बनाया गया

ऑस्ट्रेलिया के चिड़ियाघर में रहने वाले 12 साल के जिराफ ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। जिराफ का नाम फॉरेस्ट है। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने फॉरेस्ट को दुनिया का सबसे ऊंचा ​जीवित जिराफ घोषित किया है। इसकी लम्बाई 18 फीट 8 इंच है। गिनीज के मुताबिक, जिराफ की लम्बाई को नापना बेहद मुश्किल रहा। इसके लिए स्टाफ को एक विशेष नाप वाला खंभा बनाना। यह जिराफ क्वींसलैंड के ऑस्ट्रेलिया जू में रहता है।, संरक्षणकर्ता स्टीव इरविन का परिवार करता है देखरेख क्वींसलैंड के ऑस्ट्रेलिया जू का संचालन दिवंगत ऑस्ट्रेलियाई संरक्षणवादी स्टीव इरविन का परिवार करता है। फॉरेस्ट ने जब गिनीज रिकॉर्ड बनाया तो इसकी घोषणा उनकी बेटी बिंडी इरविन ने की। यहां के चिड़ियाघर में हर साल 7 लाख लोग आते हैं। फॉरेस्ट का जन्म न्यूजीलैंड में हुआ था बिंडी कहती हैं कि इस जिराफ का जन्म 2007 में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड जू में हुआ था और दो साल बाद इसे नए घर में ट्रांसफर किया गया था। यह काफी ऊंचा है। इसकी ऊंचाई दूसरे दो जिराफ पर भारी पड़ती है। यह हमारे चिड़ियाघर का एकमात्र मेल जिराफ है। कोशिश रहेगी की इसकी अगली पीढ़ियां यहां जन्म लें वह कहती है...

शीशे में करीब से देखिए चेहरा, गौर कीजिए कि आपकी त्वचा आपकी सेहत के बारे में क्या संकेत दे रही है?

चेहरे पर मुंहासे, होंठ फटना या त्वचा पर खुजली होना आम समस्याएं लगती हैं। कई दफ़ा सोचते हैं कि प्रदूषण, मौसम या हॉर्मोन में बदलाव इसके कारण हैं। परंतु हर बार ऐसा नहीं होता है। ये अंदरूनी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो त्वचा पर नजर आने लगती हैं। कुछ ऐसी ही त्वचा संबंधी समस्याएं आपको बता रहे हैं, जो आम लगती हैं, लेकिन असल में ये आपकी सेहत का हाल बताती हैं। आंखों के नीचे काले घेरे अधिक नींद लेना, ज्यादा थकान, ज्यादा देर तक जागते रहना, टीवी या लैपटॉप/कंप्यूटर स्क्रीन पर अधिक वक़्त बिताना या अनियमित जीवनशैली के कारण बहुत से लोग काले घेरों की समस्या से पीड़ित हैं। आमतौर पर आंखों के नीचे काले घेरे बढ़ती उम्र के कारण भी होते हैं। इसके अलावा कई बार यह समस्या आनुवंशिक भी होती है। आंखों में खिंचाव की वजह से काले घेरे बन सकते हैं। आंखों में सूखापन भी वजह बन सकती है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन या धूप के कारण हो सकते हैं। क्या करें : काले घेरों का उपचार इनके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ उपाय आप कर सकते हैं, जैसे- कोल्ड टी की थैली लगाना और पर्याप्त नींद लेना। कोल्ड कंप्रेस लगाने से सूजन कम हो जाती है...

कामकाजी महिला की पीएम से अपील- झाड़ू पर क्या लिखा होता है कि महिलाएं ही चलाएंगी? पुरुष हाथ क्यों नहीं बंटाते?

क्या झाड़ू के हैंडल पर लिखा होता है कि इसे केवल महिलाएं ही चलाएंगी? क्या वॉशिंग मशीन और गैस स्टोव के मैनुअल में भी ऐसा कुछ लिखा होता है? फिर क्यों ज्यादातर पुरुष घर के कामों में हाथ नहीं बंटाते हैं? कमोबेश हर घर से जुड़े ये सब सवाल उस ऑनलाइन याचिका के अंश हैं जो कोरोनाकाल में घर और रसोई में अचानक बढ़े महिलाओं के कामकाज को लेकर दायर की गई है। पिटीशन मुंबई में रहने वाली सुबर्णा घोष ने फाइल की है। इस पर तकरीबन 71 हजार से ज्यादा लोग अपने हस्ताक्षर कर चुके हैं। घोष चाहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने किसी संबाेधन में इस मामले पर कुछ बोलें। इस मसले का कोई उपाय सुझाएं और पुरुषों से कहें कि वे भी घर के कामों में अपनी जिम्मेदारी समझें। सुबर्णा घोष ने शुरू की ऑनलाइन मुहिम दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सुबर्णा पर घर और ऑफिस के कामकाज का बोझ आ पड़ा। याचिका उन्हीं के अनुभवों का सार और उनके ही घर की कहानी है। बल्कि यूं कहें-एक तरह से घर-घर की कहानी है। तमाम महिलाएं ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। घरेलू कामकाज की जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं के ऊपर होती है। खाना बनाना, साफ-सफाई, कपड़े धोना, तह क...

महीने के पहले ही दिन शुभ योग बनने से 8 राशियों को जॉब और बिजनेस में मिल सकता है किस्मत का साथ

1 अगस्त, शनिवार को चंद्रमा पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेगा। जिससे मातंग नाम का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग का फायदा मेष, वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले लोगों को मिलेगा। शुभ योग के प्रभाव से इन 8 राशि वालों को जॉब और बिजनेस में फायदा हो सकता है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी, लेन-देन और निवेश में किस्मत का साथ मिल सकता है। एस्ट्रोलॉजर डॉ. अजय भाम्बी के अनुसार इनके अलावा सिंह, कन्या, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों को दिनभर संभलकर रहना होगा। एस्ट्रोलॉजर डॉ. अजय भाम्बी के अनुसार 12 राशियों का फल मेष - पॉजिटिव - अपने सभी कार्यों को बेहतरीन तरीके से पूरा करेंगे। जिससे आपकी छिपी हुई योग्यता व प्रतिभा सबके सामने आएगी। और मान-सम्मान भी बढ़ेगा। घर की सुख-सुविधा संबंधी वस्तुओं की खरीदारी में भी समय व्यतीत होगा। नेगेटिव - परंतु अपने क्रोध और जल्दबाजी वाले स्वभाव पर नियंत्रण रखें। आप किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के साथ भी कोई कहासुनी होने की आशंका है जिससे रिश्तो में कड़वाहट आएगी। व्यवसाय - नवीन कार्य संबंधी आपने जो योजना बनाई है उस पर एकाग्र चित्त होकर काम ...

शनिवार का भाग्यांक 4 और मूलांक 1 है, मानसिक तनाव की वजह से हो सकती है परेशानी, दूसरों से विवाद करने से बचें

शनिवार, 1 अगस्त का मूलांक 1, भाग्यांक 4, दिन अंक 8, मासांक 8 और चलित अंक 1, 4 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार शनिवार को अंक 1, 4 के साथ अंक 8 की परस्पर प्रबल विरोधी युति बनी है। अंक 1 की अंक 4 के साथ विरोधी युति बनी हुई है। जानिए अंकों के इन योगों की वजह से आपके लिए कैसा रहेगा शनिवार, 1 अगस्त का दिन... अंक 1 - मानसिक तनाव रह सकता है। अधिकारी वर्ग को ऑफिस में अधिक अनुकूलता रह सकती है। त्वचा रोग परेशान कर सकता है। क्या करें- गणेश भगवान के देसी घी का दीपक कर दंडवत प्रणाम करें। महत्वपूर्ण अंक- 5, महत्वपूर्ण रंग- हरा अंक 2- विभागीय जांच में प्रतिकूलता रह सकती है। संतान से संबंधित बात दुखी कर सकती है। सिरदर्द रह सकता है। क्या करें- गायों को गुड़-रोटी दें। महत्वपूर्ण अंक- 7, महत्वपूर्ण रंग- बैंगनी अंक 3- इंजीनियरों को अच्छा अवसर मिल सकता है। अधिकारी की नजरों में चढ़ सकते हैं। हथियार के प्रयोग से बचें। लोगों से विवाद न करें। क्या करें- शनिदेव के सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं। महत्वपूर्ण अंक- 8, महत्वपूर्ण रंग- काला अंक 4- बैंक अधिकारियों को दुखी होना पड़ सकता ...

महीने के पहले दिन 12 में से 9 राशियों को मिल सकता है किस्मत का साथ, सफलता के संकेत

शनिवार, 1 अगस्त 2020 को टैरो राशिफल के मुताबिक 12 में से 9 राशियों के लिए दिन कई मामलों में भाग्य का साथ मिलने का है। कुछ लोगों को अपने काम में मनचाहे परिणाम मिल सकते हैं। कुछ लोगों को सफलता के संकेत कार्ड्स दे रहे हैं। वहीं, 3 राशियों के लिए दिन सामान्य परिणाम देने वाला रहेगा। मेष राशि वालों के लिए सहायता और संसाधन दोनों मिलने के संकेत, वृष राशि वालों के लिए कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का हो सकता है दिन, मिथुन राशि वालों के लिए पुराने परिचितों से मुलाकात हो रह सकता है दिन। आपके लिए कैसा रहेगा दिन जानिए टैरो कार्ड रीडर शीला एम. बजाज से। मेष - Three of Cups आज आपको कुछ समय से चली आ रही परेशानियों का हल मिलेगा। संसाधन और सहायता आसानी से मिलेगी। केवल अपने ईगो पर नियंत्रण रखें, नहीं तो इससे आपका नुकसान हो सकता है। सभी के लिए मन में विनम्रता की भावना रखें। बदलते समय में असमंजस के कारण मन में परेशानी रह सकती है किन्तु यह केवल एक फेज है जो जल्द ही समाप्त हो जाएगा। संयम से काम लें और अपना फोकस अपने काम और अपनी जिम्मेदारियों पर बनाएं रखें। वृषभ - The Hermit आज का दिन आपके लिए कुछ विशेष...

5 साल से कम उम्र के बच्चों में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस होने का खतरा, इनसे कम्युनिटी में ट्रांसमिशन होने की आशंका

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प स्कूलों को दोबारा खोलने पर जोर दे रहे हैं लेकिन शोधकर्ताओं ने संक्रमण का खतरा जताया है। अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस मिल सकते हैं। ये संक्रमण की अहम वजह बन सकते हैं। यह दावा शिकागो में हुई रिसर्च में किया गया है। 5 साल से कम उम्र के 46 बच्चों पर हुई रिसर्च शोधकर्ताओं के मुताबिक, 23 मार्च से 27 अप्रैल तक 145 मरीजों का स्वैब टैस्ट कराया। इनमें कोरोना के हल्के लक्षणों से लेकर सामान्य लक्षणों वाले मरीज शामिल थे। इन मरीजों को उम्र के मुताबिक समूहों में बांटा गया। पहला समूह 5 साल तक की उम्र वाले 46 बच्चों का बनाया गया। दूसरा समूह 5 से 17 साल उम्र वाले 51 बच्चों का बनाया गया। तीसरा समूह 18 से 65 साल के 48 बच्चों को बनाया गया। कम उम्र के बच्चे कोरोना के वाहक बन सकते हैं शोधकर्ता टेलर हील्ड सार्जेंट के मुताबिक, इन बच्चों की सांस नली में अधिक संख्या में कोरोनावायरस मिले। ये जितनी मात्रा में मिलेंगे संक्रमण का खतरा उतना ही बढ़ेगा। शोधकर्ता कहते हैं कि 5 साल से कम उम्र के बच्चे कोरोना के वाहक ब...

सुदर्शन क्रिया से छात्रों में तनाव और अवसाद घटा, सकारात्मक सोच में इजाफा हुआ; मानसिक स्वास्थ्य सुधरा

सुदर्शन क्रिया तनाव बेचैनी को घटने के साथ मन में सकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ाती है। येल यूनिवर्सिटी की रिसर्च में यह बात सामने आई है। रिसर्च के मुताबिक, श्वसन तकनीक यानी सुदर्शन क्रिया से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ। फ्रंटियर्स इन सायकियाट्री जर्नल के मुताबिक, छात्रों को स्वास्थ्य के 6 क्षेत्रों अवसाद, तनाव, मानसिक स्वास्थ्य, सचेतन अवस्था, सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव में सुधार देखा गया। क्या है सुदर्शन क्रिया सुदर्शन क्रिया एक लयबद्ध श्वसन तकनीक है, जो आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में सिखाई जाती है। जो जीवकोषीय स्तर पर तनाव और भावनात्मक विष को दूर करती है। शोध यह दर्शाता है कि यह तकनीक नींद के चक्र को सुधारने, हैप्पी और फील गुड हार्मोन्स जैसे - ऑक्सीटोसिन के स्राव को सुधारने, तनाव उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स,जैसे - कॉर्टिसोल के स्राव को कम करने का काम करती है। यह सजगता को बढ़ाने और चिकित्सीय अवसाद लक्षणों को कम करने में मदद करती है। 8 हफ्तों में 135 स्टूडेंट्स पर हुई स्टडी फ्रंटियर्स इन सायकियाट्री जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कठिन परिस्थिति से उ...

रात में बार-बार नींद का टूटना और कवरटें बदलते रहना है स्लीप एपनिया का लक्षण, सुबह सिर में दर्द महसूस हो दिन में नींद आए तो डॉक्टरी सलाह लें

स्लीप एपनिया यानी नींद से जुड़ी एक गंभीर बीमारी। स्लीप एपनिया की स्थिति में हमारी नींद कई बार टूटती है। कई स्थितियों में तो सांस रुक भी सकती है। स्लीप एपनिया की स्थिति में हम कई बार करवटें बदलते रहते हैं। आप जानकर हैरान होंगे- देश की 13 फीसदी आबादी ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित है। पुरुषों में 19.7%, वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा 7.4% है। स्लीप एपनिया की स्थिति में एक घंटे में तीस या इससे ज्यादा बार भी सांस का रुकना या करवटें बदलने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। यह एक ऐसा विकार है, जिससे नींद से जुड़ी और समस्याएं भी खड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर- शोध बताते हैं, यदि आपकी रात की नींद एक घंटे भी कम हो जाए तो अगले दिन आपकी अलर्टनेस 32 फीसदी तक कम हो जाएगी। स्लीप एपनिया को समझने से पहले हमें, नींद को समझना जरूरी है। दरअसल, हमारी नींद तीन से चार चक्रों में पूरी होती है। हर चक्र लगभग पांच चरणों से गुजरता है। चौथा चरण सबसे गहरी नींद का होता है। पांचवां चरण REM या रैपिड आई मूवमेंट का चरण होता है। यह वो चरण होता है, जिसमें हम सपने भी देखते हैं। नींद के वक्त ही, हमारे शरीर में ग्रोथ हार्मोन प...

रैपिड एंटीजन टेस्ट 20 मिनट में कोरोना की जांच करता है और आरटी-पीसीआर 12 घंटे में बताता है कि मरीज पॉजिटिव है या नहीं

देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि देश में जांच का दायरा बढ़ रहा है। कोविड-19 की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इन जांच में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं। जैसे आरटी- पीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट और ट्रू नेट टेस्ट में क्या अंतर यह कैसे समझें। जानिए कोरोना की कौन सी जांच कब कराएं... #1) आरटी- पीसीआर टेस्ट क्या है : कोरोना वायरस की जांच का तरीका है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है। तरीका क्या है : नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं। रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : 12 से 16 घंटे एक्यूरेसी कितनी है : टेस्टिंग की इस पद्धति की विश्वसनीयता लगभग 60% है। कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट निगेटिव आ सकता है। मरीज को लक्षणिक रूप से भी देखा जाना जरूरी है। #2) रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट) क्या है : कोरोना संक्रमण के वायरस की जांच की जाती है। तरीका क्या है : नाक से स्वैब लिया जाता है। वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है। रिजल्ट आने में कितना समय लग...

शिष्यों के साथ गुरु एक नाला पार कर रहे थे, तभी उनका कमंडल नाले में गिर गया, सभी शिष्यों ने सोचना शुरू कर दिया कि ये कमंडल कौन निकलेगा?

जो लोग अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए दूसरों की मदद का इंतजार करते हैं, वे कभी भी आत्म निर्भर नहीं बन पाते हैं। ऐसे लोगों को सफलता आसानी से नहीं मिल पाती है। इस संबंध में एक लोक प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक आश्रम में गुरु अपने शिष्यों के साथ रहते थे। वे हमेशा यही सीख देते थे कि हमें अपना काम खुद करना चाहिए, कभी भी दूसरों से मदद लेने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। सभी शिष्यों को भी ये बात अच्छी तरह ध्यान थी। एक दिन गुरु अपने शिष्यों के साथ दूसरे गांव जा रहे थे। रास्ते में एक नाला भी था। गुरु और शिष्यों को उस नाले को पार करके दूसरे गांव जाना था। जब गुरु के साथ सभी शिष्य नाला पार कर रहे थे, तभी गुरु के हाथ से कमंडल छुट गया और नाले में गिर गया। गुरु वहीं रुक गए। सभी शिष्य सोचने लगे कि अब ये कमंडल कैसे निकालेंगे? इसे कौन निकालेगा? तभी एक शिष्य गांव में किसी सफाईकर्मी को खोजने के लिए चला गया। बाकी सारे शिष्य वहीं बैठ गए और कमंडल निकालने की योजना बनाने लगे। ये देखकर गुरु को बहुत दुख हुआ। क्योंकि, उन्होंने सिखाया था कि अपना काम स्वयं करना चाहिए। किसी दूसरे की मदद के लिए इंतज...

नदी का आभार जताने के लिए मनाया जाता है आदि पेरुक्कु, इस पर्व पर होती है मां कावेरी और बारीश की देवी वरुणा की पूजा

आदि पेरुक्कु दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। ये त्योहार उफनती नदियों से आए पानी को लेकर मनाया जाता है। आदि पेरुक्कु त्योहार कावेरी नदी के प्रति श्रद्धाभाव और आभार जताने के उद्देश्य से मनाया जाता है, क्योंकि कावेरी नदी के कारण ही इस इलाके में संपन्नता आती है। तमिल कैलेंडर के अनुसार ये पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा। इस त्योहार पर ज्यादातर परिवार खाना बनाकर आसपास की झील या तालाब के किनारे पिकनिक करना पसंद करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान खुश होते हैं। ऐसा करने से लोग खुद को पर्यावरण के करीब महसूस करते हैं। महिलाएं और बच्चे शाम को इन जलाशयों के पास दीप जलाकर आभार जताते हैं। आदि पेरुक्कु उत्सव तिरुचरापल्ली के अलावा कावेरी नदी के किनारे बसे इरोड, तंजावुर और सलेम में भी धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं सांकेतिक तौर पर सरकार भी इस दिन बाढ़ के पानी को छोड़ने के आदेश जारी करती है। कब और कैसे मनाया जाता है आदि पेरुक्कु एक हिंदू तमिल महोत्सव है। जो तमिल महीने आदि के 18वें दिन मनाया जाता है। यह एक मा...

श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद; सुख-दुख तो सर्दी और गर्मी की तरह आते-जाते रहते हैं, इसीलिए इन्हें सहन करना सीखना चाहिए

महाभारत में अर्जुन ने युद्ध से पहले ही शस्त्र रख दिए थे और श्रीकृष्ण से कहा था कि मैं युद्ध नहीं करना चाहता। कौरव पक्ष में भी मेरे कुटुम्ब के ही लोग हैं, मैं उन पर प्रहार नहीं कर सकता। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। गीता की बातें आज भी हमारी कई परेशानियों के दूर कर सकती हैं और जीवन में शांति ला सकती है। गीता के दूसरे अध्याय के 14वें श्लोक में श्रीकृष्ण कहते हैं कि- मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः। आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।। इस श्लोक में श्रीकृष्ण ने सुख-दुख को सर्दी और गर्मी की तरह बताया है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि सुख-दुख का आना-जाना सर्दी-गर्मी के आने-जाने के जैसा है। इसीलिए इन्हें सहन करना सीखना चाहिए। जिसने गलत इच्छाओं और लालच को त्याग दिया है, सिर्फ उसे शांति मिल सकती है। इस सृष्टि में कोई भी इच्छाओं से मुक्त नहीं हो सकता, लेकिन बुरी इच्छाओं को छोड़ जरूर सकते हैं। इस नीति का सरल अर्थ यह है कि हमारे जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं। इनके विषय में परेशान नहीं होना चाहिए। अगर दुख है तो उसे सहन करना सीखना चाहिए। क्योंकि आज दुख है तो कल...

इस साल भी दो दिन जन्माष्टमी, मथुरा-वृंदावन और द्वारिका में 12 और जगन्नाथ पुरी में 11 अगस्त को मनाया जाएगा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव

कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर इस साल भी दो मत हैं। ज्यादातर पंचांगों में 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी है, लेकिन ऋषिकेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 13 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाने की तैयारी है। वैष्णव मत के मुताबिक 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है, इसलिए मथुरा (उत्तर प्रदेश) और द्वारिका (गुजरात) दोनों जगहों पर 12 अगस्त को ही जन्मोत्सव मनेगा। जगन्नाथपुरी में 11 अगस्त की रात को कृष्ण जन्म होगा। वहीं, काशी और उज्जैन जैसे शैव शहरों में भी 11 को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इसका कारणः कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र का एक साथ नहीं मिल रहे। 11 अगस्त को अष्टमी तिथि सूर्योदय के बाद लगेगी, लेकिन पूरे दिन और रात में रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी पर्व पर श्रीकृष्ण की तिथि और जन्म नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है। इस बार 11 अगस्त, मंगलवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन और रातभर रहेगी। अलग-अलग दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी पं. मिश्र के साथ ही अखिल भारतीय विद्वत परिषद का कहना है कि गृहस...

उत्तराखंड के चारधाम में से एक गंगोत्री के दर्शन के लिए देवस्थानम् बोर्ड कर रहा रजिस्ट्रेशन, लेकिन समिति मंदिर के अंदर से दर्शन कराने के पक्ष में नहीं

25 जुलाई से उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा अन्य राज्यों के लिए भी शुरू कर दी गई थी। इसके बाद से देशभर से लोग उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् बोर्ड की वेब साइट पर दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। लेकिन, गंगोत्री मंदिर में आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के बाहर से दर्शन करने की व्यवस्था की गई है। गंगोत्री धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया इस समय राज्य में भी कोरोना संक्रमण तेजी फैल रहा है। ऐसी स्थिति में मंदिर के पुजारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हम मंदिर के अंदर दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। भक्तों को मंदिर के बाहर से ही दर्शन करने होंगे। अगर भक्त मंदिर के अंदर आएंगे तो मंदिर से जुड़े लोगों से उनका संपर्क होगा, जो कि पुजारियों के स्वास्थ्य के लिए ये सही नहीं रहेगा। इसीलिए हम अभी भक्तों को मंदिर के अंदर से दर्शन कराने के पक्ष में नहीं हैं। इस संबंध में मंदिर समिति ने यहां के डीएम के माध्यम से राज्य सरकार से अपील की है कि अभी कोरोना को देखते हुए दर्शन व्यवस्था शुरू नहीं करनी चाहिए। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविन...

महिला ने जिस दांत के दर्द को नजरअंदाज किया उसका संक्रमण बढ़कर मस्तिष्क तक पहुंचा, चलना-फिरना मुश्किल हुआ और मेमोरी घटी

दांत में दर्द हो रहा है तो उसे नजरअंदाज न करें। यह संक्रमण हो सकता है जो बढ़कर दिमाग तक पहुंच सकता है। ब्रिटेन में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। 35 साल की रेबेका डॉल्टन को चलने में तकलीफ हुई और धीरे-धीरे मेमोरी घटने के बाद हॉस्पिटल लाया गया। जांच करने पर मस्तिष्क में बैक्टीरिया का संक्रमण देखा गया। डॉक्टर्स ने भी उसके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। रेबेका को लगातार हॉस्पिटल में 5 महीने बिताने पड़े। डिस्चार्ज होने पर उन्होंने कहा, मुझे नया नजरिया मिला है, ये सीख बताती है कि आप कुछ भी हल्के में नहीं ले सकते। दांत के इलाज के बाद चलने-फिरने में दिक्कत हुई और मेमोरी घटी रेबेका का इलाज करने वाले डॉक्टर के मुताबिक, दिसम्बर 2019 में उसके दांतों में बैक्टीरिया का संक्रमण हुआ था। जिसे उन्होंने कई बार नजरअंदाज किया। यही बैक्टीरिया दांतों से दिमाग तक पहुंचा। मार्च में दांतों की समस्या का इलाज कर दिया गया था। लेकिन दिक्कत कुछ दिन बाद शुरू हुई जब रेबेका को चलने-फिरने में दिक्कत शुरू हुई। मेमोरी घटने लगी। वह हॉस्पिटल आईं और जांच की गईं। संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंचा और हार्ट और लिवर तक में उसका असर दिखा ...

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