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सफलता की दो महत्वपूर्ण सीढ़ियां हैं निराशा और असफलता, इनसे होकर ही लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं

सफलता की दो महत्वपूर्ण सीढ़ियां है निराशा और असफलता। किसी काम में बार-बार असफलता मिलने से निराशा बढ़ने लगती है। इस संबंध में गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को एक उपदेश में बताया था कि जब बार-बार असफलता मिल रही है तो हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और सही दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए। धैर्य के साथ ही कड़ी मेहनत करने से हम लक्ष्य तक अवश्य पहुंच सकते हैं।

जानिए जानिए सफलता से जुड़े कुछ प्रेरक विचार, जिन्हें अपनाने से हमारे विचारों में सकारात्मकता बढ़ सकती है...

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1 सितंबर यानी आज अनंत चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। 10 दिन तक गणेशजी की पूजा-अर्चना के बाद आज मूर्तियों को विसर्जित किया जाएगा। वैसे तो धार्मिक ग्रंथों में गणेशजी को विसर्जित करने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास जब महाभारत लिखने के लिए एक गुणी लेखक को ढूंढ रहे थे तो इस काम के लिए गणेशजी राजी हुए थे लेकिन उन्होंने शर्त भी रखी कि जब तक महर्षि बिना रुके बोलेंगे वे भी लगातार लिखते रहेंगे। वेदव्यास ने गणेश चतुर्थी के दिन से महाभारत की कथा सुनानी प्रारंभ की थी। गणेशजी लगातार 10 दिन तक कथा लिखते रहे। अत्यधिक मेहनत से बढ़ा तापमान और स्नान के बाद मिली थी राहत महर्षि वेदव्यास महाभारत की कथा सुनाते रहे और गणेश जी लिखते रहे। कथा पूरी होने पर महर्षि वेदव्यास ने आंखें खोली। उन्होंने देखा कि अत्यधिक मेहनत के कारण गणेशजी के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ है। लगातार रात-दिन लेखन की वजह से गणेश जी के शरीर का तापमान बढ़ने लगा, तो वेद व्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगाकर भाद्र शुक्ल चतुर्थी को उनकी पूजा की। मिट्टी का लेप सूखने पर गणेशजी का शरीर अकड़ गया। उनके शरीर ...

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