शिव पूजा:अगर बिल्व के नए पत्ते नहीं मिल रहे हैं तो पुराने पत्तों को ही धोकर शिवलिंग पर फिर से चढ़ा सकते हैं
अष्टमी, चतुदर्शी, अमावस्या और रविवार को बिल्व पत्र नहीं तोड़ना चाहिए, इन तिथियों बाजार से खरीदकर या पुराने बिल्व पत्र चढ़ाएं
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