गंगा से पहले भगीरथ की पूजा, सिर्फ 20 लोगों की मौजूदगी में उत्सव, गंगा दशहरे पर हरिद्वार से बनारस तक सूने हैं गंगा के घाट
आज गंगा दशहरा है। आज के दिन ही स्वर्ग से धरती पर गंगा का अवतरण भी हुआ था। संभवतः ये पहला मौका है जब गंगा दशहरे पर हरिद्वार, बनारस सहित पूरे देश में गंगा के घाटों से भीड़ नदारद है। गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री में भी महज 20 लोगों की मौजूदगी में उत्सव का आयोजन हो रहा है। गंगा को भगीरथ धरती पर लाए थे, इसलिए गंगोत्री में भी ये कायदा है कि गंगा दशहरे पर गंगा से पहले भगीरथ की पूजा होती है। गंगा धरती पर लाने के लिए हर साल सबसे पहले उनका आभार जताया जाता है। इसके बाद ही गंगा की पूजा, अभिषेक और हवन आदि होते हैं। श्री 5 मंदिर समिति गंगोत्री धाम के अध्यक्ष पं. सुरेश सेमवाल ने बताया कि मंदिर में शासन द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करते हुए गंगा मैया की विशेष पूजा की जा रही है। इस दौरान पुजारी और मंदिर स्टॉफ के लोग ही मौजूद हैं। मुखबा गांव के सेमवाल ब्राह्मण ही गंगोत्री के पुजारी होते हैं। ये मंदिर समुद्र तल से करीब 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां गंगा को भागीरथी कहा जाता है। आज गंगा सहस्रनामावली के पाठ की हवन किया गया। 11.48 बजे गंगा की धारा पर डोली यात्रा निकलेगी। इसके बाद गंगा धारा पर श्र...